Wednesday 17 December 2014

नुष्य के जीवन की जटिलता एक बुनियादी बात से निर्मित होती है। और वह बुनियादी बात है कि तुम जो नहीं हो वह दिखाने की कोशिश में संलग्न हो जाते हो। फिर तुम सत्य तक कभी भी न पहुंच सकोगे। क्योंकि तुमने शुरुआत ही असत्य की कर दी; यात्रा का पहला कदम ही गलत पड़ गया।

जिसके जीवन में प्रेम नहीं है वह प्रेम को दिखाने की कोशिश करता है। जिसके जीवन में वीरता नहीं है वह वीरता दिखाने की कोशिश करता है। जिसके जीवन में साहस नहीं है वह साहस के मुखौटे ओढ़ लेता है।
जो नहीं है उसे तुमने बताने की कोशिश की कि तुम भटके। पहुंचने का रास्ता तो सीधा और साफ है कि तुम जो हो वही दिखाओ। वही प्रामाणिक जीवन का लक्षण है।

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